आज गगन से चंदा उतरा आ गया मेरी बाहों में अपलक देखूं कह न सकूँ कुछ खोयी रात निगाहों में आज गगन से चंदा उतरा चम चम चमके पथ तारों का छम छम करता कौन चला चम चम चमके पथ तारों का छम छम करता कौन चला सपनो की तस्वीर सी खिंच गयी दूर गगन की राहों में आज गगन से चंदा उतरा आ गया मेरी बाहों में आज गगन से चंदा उतरा जाने किस धुन में दीवाना मधुशाला के द्धार पे आया जाने किस धुन में दीवाना मधुशाला के द्धार पे आया प्याला छूटा हाथ से उसके बिखरा हुस्न के पाँव में आज गगन से चंदा उतरा आ गया मेरी बाहों में आज गगन से चंदा उतरा
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