मुकेश वो जो रूठें यूँ मनाना चाहिए वो जो रूठें यूँ मनाना चाहिए ज़िंदगी से रूठ जाना चाहिए ज़िंदगी से रूठ जाना चाहिए तलत चाहिए अच्छों को जितना चाहिए चाहिए अच्छों को जितना चाहिए ये अगर चाहें तो फिर क्या चाहिए ये अगर चाहें तो फिर क्या चाहिए मुकेश है इन्हीं धोकों से दिल की ज़िंदगी है इन्हीं धोकों से दिल की ज़िंदगी जो हसीं धोका हो खाना चाहिए जो हसीं धोका हो खाना चाहिए तलत दोस्ती का पर्दा है बेगानगी दोस्ती का पर्दा है बेगानगी मुँह छुपाना हम से छोड़ा जाइए मुँह छुपाना हम से छोड़ा जाइए मुकेश लज़्ज़ते हैं दुश्मन-ए-औज-ए-कमाल लज़्ज़ते हैं दुश्मन-ए-औज-ए-कमाल कुल्फ़तों से जी लगाना चाहिए कुल्फ़तों से जी लगाना चाहिए मुकेश उनसे मिलने को तो क्या कहिए जिगर उनसे मिलने को तो क्या कहिए जिगर ख़ुद से मिलने को ज़माना चाहिए ख़ुद से मिलने को ज़माना चाहिए वो जो रूठें यूँ मनाना चाहिए
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