सबसे बड़ा नादान वही है, जो समझे नादान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है , जो समझे नादान मुझे कौन-कौन कितने पानी में, सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है , जो समझे नादान मुझे कौन - कौन कितने पानी में , सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है , जो समझे नादान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है दौलत है तेरे क़दमों में, क़िस्मत है तेरे हाथों में ख़ुशियाँ हैं तेरी पलकों में, मस्ती है तेरी आँखों में सब कुछ तुझको मालिक ने दिया, मैं तुझको क्या दे सकता हूँ इक रूप को भेंट की रिश्वत देना, लगता है अपमान मुझे कौन - कौन कितने पानी में , सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है कोई शान की ख़ातिर पैसे को, पानी की तरह बहाता है कहीं बिन क़ीमत मालिक का दिया, पानी पैसे से बिकता है इस सभा की सुन्दर चेहरों से, रौनक तो बढ़ती है लेकिन रौनक वाले चेहरों के पीछे, मिले हैं दिल सुनसान मुझे कौन - कौन कितने पानी में , सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है धर्म-कर्म सभ्यता मर्यादा, नज़र न आई मुझे कहीं गीता ज्ञान की बातें देखो, आज किसी को याद नहीं माफ़ मुझे कर देना भाइयों, झूठ नहीं मैं बोलूँगा वही कहूँगा आपसे जो, गीता से मिला है ज्ञान मुझे कौन - कौन कितने पानी में , सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है , जो समझे नादान मुझे कौन - कौन कितने पानी में , सबकी है पहचान मुझे सबसे बड़ा नादान वही है
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