जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ हादसा याद ये आता है तो हँस लेता हूँ मेरी उजड़ी हुई दुनिया में तमन्ना का चराग़ मेरी उजड़ी हुई दुनिया में तमन्ना का चराग़ जब कोई आ के जलाता है तो हँस लेता हूँ जब कोई आ के जलाता है तो हँस लेता हूँ कोई दावा नहीं, फ़रियाद नहीं, तंज़ नहीं कोई दावा नहीं, फ़रियाद नहीं, तंज़ नहीं रहम जब अपने पे आता है तो हँस लेता हूँ रहम जब अपने पे आता है तो हँस लेता हूँ जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ
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