कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के ये बदन, ये निगाहें, मेरी अमानत हैं के ये बदन, ये निगाहें, मेरी अमानत हैं ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी ख़ातिर ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में के जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं सिमट रही है, तू शरमा के अपनी बाहों में सिमट रही है, तू शरमा के अपनी बाहों में कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँही उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र यूँही मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
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