तलत किसी को दे के दिल कोई नवा-संज-ए-फ़ुगाँ क्यूँ हो न हो जब दिल ही सीने में तो फिर मुँह में ज़ुबाँ क्यूँ हो किसी को दे के दिल कोई मुकेश जो दिल क़ाबू में हो तो कोई रुसवा-ए-जहाँ क्यों हो ख़लिश क्यूँ हो तपिश क्यूँ हो कलक क्यूँ हो फ़ुगाँ क्यूँ हो ख़लिश क्यूँ हो तपिश क्यूँ हो तलत वफ़ा कैसी कहाँ का इश्क़ जब सर फोड़ना ठहरा तो फिर ऐ संग-दिल तेरा ही संग-ए-आस्ताँ क्यूँ हो किसी को दे के दिल कोई मुकेश आ आ बहुत निकलेंगे रोज़-ए-हश्र तेरे ज़ौर के सामाँ बहुत निकलेंगे रोज़-ए-हश्र तेरे ज़ौर के सामाँ सितम का हौसला दुनिया में सर पे इम्तिहाँ क्यों हो ख़लिश क्यूँ हो तपिश क्यूँ हो तलत क़फ़स में मुझ से रूदाद-ए-चमन कहते न डर हमदम गिरी है जिस पे कल बिजली वो मेरा आशियाँ क्यूँ हो गिरी है जिस पे कल बिजली वो मेरा आशियाँ क्यूँ हो किसी को दे के दिल कोई मुकेश उन्हें वो रंजिशें बेजा हैं लेकिन हैं तो हम से हैं उन्हें वो रंजिशें बेजा हैं लेकिन हैं तो हम से हैं मोहब्बत ग़र न हो फाहम शिकायत दरमियाँ क्यों हो मोहब्बत ग़र न हो फाहम शिकायत दरमियाँ क्यों हो ख़लिश क्यूँ हो तपिश क्यूँ हो तलत आ आ आ आ आ आ निकाला चाहता है काम क्या तानों से तू और#39;ग़ालिबऔर#39; आ आ आ आ आ आ तेरे बे-मेहर कहने से वो तुझ पर मेहरबाँ क्यूँ हो तेरे बे - मेहर कहने से वो तुझ पर मेहरबाँ क्यूँ हो किसी को दे के दिल कोई मुकेश आ आ आ आ जिगर से कम नहीं है चाराग़र दाग़-ए-जिगर उनको जिगर से कम नहीं है चाराग़र दाग़ - ए - जिगर उनको जो पैदा की हो मर-मर के वो दौलत रायगा क्यों हो जो पैदा की हो मर-मर के वो दौलत रायगा क्यों हो जो दिल क़ाबू में हो तो हो रुसवा - ए - जहाँ क्यों हो ख़लिश क्यूँ हो तपिश क्यूँ हो मुकेश lines are not by Ghalib.
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload