आधे उधर हैं और आधे इधर ये हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर उनको ख़बर है न हमको ख़बर ये हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर आधे उधर हैं और आधे इधर ज़ुल्फ़ों की गलियों में खोए कभी है पलकों की छाँव में सोए कभी ज़ुल्फ़ों की गलियों में खोए कभी है पलकों की छाँव में सोए कभी ढूँढें तो ढूँढें दिल को कहाँ हो ढूँढें तो ढूँढें दिल को कहाँ कि ऐसी लगी है किसी की नज़र ये हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर आधे उधर हैं और आधे इधर उनकी नज़र का इशारा मिला कुछ अपने जुनूँ का सहारा मिला उनकी नज़र का इशारा मिला कुछ अपने जुनूँ का सहारा मिला कहते हुए ये मियाँ मजनूँ चले हो कहते हुए ये मियाँ मजनूँ चले कि जब से मिली है नज़र से नज़र ये हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर उनको ख़बर है न हमको ख़बर ये हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload