तोरे जैसी छोरी होती कोई गाँव मां हमारे तो सहर हम नाहीं आते तो सहर हम नाहीं आते मिल जाता कहीं गाँव मा ही रंग भरा प्यार तो सहर हम नाहीं आते तो सहर हम नाहीं आते तोरे जैसी छोरी होती कोई गाँव मां हमारे तो सहर हम नाहीं आते तो सहर हम नाहीं आते
देख सहर मां रूप की गर्मी आवन लगा पसीना हाय-हाय देख सहर मां रूप की गर्मी आवन लगा पसीना हाय-हाय किसी ने भोला जान के लूटा किसी ने मनवा छीना फिर भी हम ई बात के खुश हैं जीना ई है जीना भइया जीना ई है जीना ओ जहाँ सुनी जाए ऐसे जो कुँवारों की पुकार तो सहर हम तो सहर हम नाहीं आते तो सहर हम नाहीं आते तोरे जैसी छोरी होती कोई गाँव मां हमारे तो सहर हम नाहीं आते नैना फिसलई चेहरों से जूं गीरी सड़क से पाँव हाय हाय नैना फिसलई चेहरों से जूं गीरी सड़क से पाँव हाय हाय राम-क़सम अब छोड़ सहर हम कबहूँ न जईबे गाँव जहाँ ना ई अँखियन की मदिरा ना जुल्फन की छाँव भैया ना जुल्फन की छाँव हो ऐसी गोरी-गोरी बाँहों के मिले जो होते हार तो सहर हम तो सहर हम नाहीं आते तो सहर हम नाहीं आते तोरे जैसी छोरी होती कोई गाँव मां हमारे तो सहर हम नाहीं आते मिल जाता कहीं गाँव मा ही रंग भरा प्यार तो सहर हम नाहीं आते
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