तुम्हें ज़िन्दगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें पा के हम ख़ुद से दूर हो गए थे तुम्हें छोड़ कर अपने पास आ गए हैं तुम्हें ज़िन्दगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हारी वफ़ा से शिक़ायत नहीं है निभाना तो कोई रवायत नहीं है तुम्हारी वफ़ा से शिक़ायत नहीं है निभाना तो कोई रवायत नहीं है जहाँ तक क़दम आ सके आ गए हैं अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं चमन से चले हैं ये इल्ज़ाम लेकर बहुत जी लिए हम तेरा नाम लेकर चमन से चले हैं ये इल्ज़ाम लेकर बहुत जी लिए हम तेरा नाम लेकर मुरादों की मंज़िल से दूर आ गए हैं अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें ज़िन्दगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें पा के हम ख़ुद से दूर हो गए थे तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं
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