वास्ता ही ना जब रहा तुमसे फिर जफ़ाओं का क्या गिला तुमसे वास्ता ही ना जब रहा तुमसे फिर जफ़ाओं का क्या गिला तुमसे तुम किसी ग़ैर की अमानत हो कैसा शिक़वा-गिला भला तुमसे वास्ता ही ना जब रहा तुमसे दर्द दे के पराए हो बैठे कैसे माँगूँ मैं अब दवा तुमसे दर्द दे के पराए हो बैठे कैसे माँगूँ मैं अब दवा तुमसे कम से कम झूठी तसल्ली देते हाय ये भी न हो सका तुमसे वास्ता ही ना जब रहा चंद रोती हुई यादों के सिवा देख लो कुछ नहीं दिया तुमसे चंद रोती हुई यादों के सिवा देख लो कुछ नहीं दिया तुमसे यारों हंसते हो मुझ पे खूब हंसो और हो भी सकेगा क्या तुम से वास्ता ही ना जब रहा उसकी किस्मत पे रश्क आता है जिसके दिल का जहाँ बसा तुम से उसकी किस्मत पे रश्क आता है जिसके दिल का जहाँ बसा तुम से अच्छी किस्मत ही नहीं थी अपनी कैसे कह दूँ बुरा हुआ तुम से वास्ता ही ना जब रहा तुमसे फिर जफ़ाओं का क्या गिला तुमसे वास्ता ही ना जब रहा
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