मुकेशरंगी को नारंगी कहे, बने दूध को खोयाचलती को गाड़ी कहे, देख कबीरा रोयाज़िंदगी ख़्वाब है, ख़्वाब में झूठ क्याऔर भला सच है क्याज़िंदगी ख़्वाब है, ख़्वाब में झूठ क्याऔर भला सच है क्या मोतीलालसब सच हैमुकेशज़िन्दगी ख्वाब हैदिल ने हमसे जो कहा, हमने वैसा ही कियादिल ने हमसे जो कहा, हमने वैसा ही किया फ़िर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे बुरा था या भलाज़िंदगी ख़्वाब है, ख़्वाब में झूठ क्याऔर भला सच है क्या ज़िन्दगी ख़्वाब हैएक कतरा मय का जब, पत्थर से होंठों पर पड़ाएक कतरा मय का जब, पत्थर से होंठों पर पड़ा उसके सीने में भी दिल धड़का ये उसने भी कहाज़िंदगी ख़्वाब है, ख़्वाब में झूठ क्याऔर भला सच है क्या ज़िंदगी ख़्वाब हैएक प्याली भर के मैंने, ग़म के मारे दिल को दीहायएक प्याली भर के मैंने, ग़म के मारे दिल को दी ज़हर ने मारा ज़हर को, मुर्दे में फिर जान आ गईज़िंदगी ख़्वाब है, ख़्वाब में झूठ क्याऔर भला सच है क्या ज़िन्दगी ख़्वाब है
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