ज़िंदगी ख़्वाब है, था हमें भी पता पर हमें ज़िंदगी से बहुत प्यार था सुख भी थे, दुख भी थे, दिल को घेरे हुए चाहे जैसा था, रँगीन संसार था आ गई थी शिकायत लबों तक मगर किसे कहते तो क्या कहना बेकार था चल पड़े दर्द देकर तो चलते रहे हार कर बैठ जाने से इनकार था चंद दिन था बसेरा हमारा यहाँ हम भी मेहमान थे, घर तो उस पार था हमसफ़र एक दिन तो बिछड़ना ही था अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा
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