रफ़ी फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुए बैठे हैं उनके दर पे कबूतर बने हुए जिस प्यार में ये हाल हो जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा, तौबा उस प्यार से तौबा मुकेश जो बोर करे यार को जो बोर करे यार को उस यार से तौबा, तौबा उस यार से तौबा रफ़ी हमने भी ये सोचा था कभी प्यार करेंगे छुप-छुप के किसी शोख हसीना पे मरेंगे देखा जो अज़ीज़ों को मुहब्बत में तड़पते देखा जो अज़ीज़ों को मुहब्बत में तड़पते दिल कहने लगा हम तो मुहब्बत से डरेंगे इन नगिर्सी आँखों के इन नगिर्सी आँखों के छुपे वार से तौबा तौबा तौबा इस वार से तौबा मुकेश जो बोर करे यार को जो बोर करे यार को उस यार से तौबा तौबा उस यार से तौबा मुकेश तुम जैसों की नज़रें न हसीं से लड़ेंगी गर लड़ भी गयी अपने ही कदमों पे गढ़ेंगी भूले से किसी शोख पे दिल फेंक न देना भूले से किसी शोख पे दिल फेंक न देना झड़ जायेंगे सब बाल वो बेभाव पड़ेगी तुम जैसों को जो पड़ती है तुम जैसों को जो पड़ती है उस मार से तौबा तौबा उस मार से तौबा रफ़ी जिस प्यार में ये हाल हो जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा तौबा उस प्यार से तौबा मुकेश दिल जिनका जवान है वो सदा इश्क़ करेंगे रफ़ी जो इश्क़ करेंगे वो आह भरेंगे मुकेश जो दूर से देखेंगे वो जल जल के मरेंगे रफ़ी जल जल के मरेंगे तो कोइ फिक्र नहीं है जल जल के मरेंगे तो कोई फिक्र नहीं है माशूक के कदमों पे मगर सर ना धरेंगे मुकेश सरकार से तौबा मेरी तौबा सरकार से तौबा तौबा सरकार से तौबा रफ़ी जिस प्यार में ये हाल हो मुकेश जो बोर करे यार को जो बोर करे यार को जिस प्यार में ये हाल हो उस यार से तौबा तौबा उस यार से तौबा
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