लता फूल तुम्हें भेजा है ख़त में फूल नहीं मेरा दिल है फूल तुम्हें भेजा है ख़त में फूल नहीं मेरा दिल है प्रीयतम मेरे तुम भी लिखना क्या ये तुम्हारे क़ाबिल है मुकेश प्यार छिपा है ख़त में इतना जितने सागर में मोती प्यार छिपा है ख़त में इतना जितने सागर में मोती चूम ही लेता हाथ तुम्हारा पास जो तुम मेरे होती लता फूल तुम्हें भेजा है ख़त में लता नींद तुम्हें तो आती होगी क्या देखा तुमने सपना नींद तुम्हें तो आती होगी क्या देखा तुमने सपना मुकेश आँख खुली तो तन्हाई थी सपना हो न सका अपना लता तन्हाई हम दूर करेंगे ले आओ तुम शेहनाई ले आओ तुम शेहनाई मुकेश प्रीत बढ़ा कर दूर न जाना प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई लता फूल तुम्हें भेजा है ख़त में फूल नहीं मेरा दिल है फूल तुम्हें भेजा है ख़त में मुकेश ख़त से जी भरता ही नहीं अब नैन मिले तो चैन मिले ख़त से जी भरता ही नहीं अब नैन मिले तो चैन मिले लता चाँद हमारी अंगना उतरे कोई तो ऐसी रैन मिले मुकेश मिलना हो तो कैसे मिले हम मिलने की सूरत लिख दो मिलने की सूरत लिख दो लता नैन बिछाये बैठे हैं हम कब आओगे ख़त लिख दो फूल तुम्हें भेजा है ख़त में फूल नहीं मेरा दिल है फूल तुम्हें भेजा है ख़त में
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