मुकेश क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे गीता न रूठ के मुझसे जा कि मेरा दिल नहीं मेरे हाथ रे मुकेश क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे गीता तू कौन है ये मालूम नहीं तू कौन है ये मालूम नहीं फिर दिल क्यों तुझे बुलाता है तक़दीर ने छोड़ा साथ मगर तू छोड़ न मेरा साथ रे मुकेश क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे मुकेश मैं अपना सब कुछ खो बैठा मैं अपना सब कुछ खो बैठा क्या प्यार में तेरा बिछड़ा रे गीता तू आके देख इक बार है मेरी आँखों में बरसात रे मुकेश क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे मुकेश याद आके न रस्ता रोक मेरा याद आके न रस्ता रोक मेरा मुझे जाने दे मुझे जाने दे गीता इक बार लौट के आ थाम ले आकर मेरा हाथ रे मुकेश क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
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