मुकेश सोचता हूँ ये क्या ये क्या किया मैंने सोचता हूँ ये क्या ये क्या किया मैंने क्या ये सरदर्द ले लिया मैंने क्या ये सरदर्द ले लिया मैंने
लता सोचती हूँ ये क्या ये क्या किया मैंने क्यों ये सरदर्द ले लिया मैंने क्यों ये सरदर्द ले लिया मैंने सोचती हूँ
मुकेश कौन है ये कहाँ से आई है ये तो अपनी नहीं पराई है ऐसी चंचल शरीर और झूठी फिर भी दिल को ये ऐसी भाई है हाथ हाथों में ले लिया मैंने दिल-ए-नादां ये क्या किया मैंने सोचता हूँ
लता देख कर यूं वो मुस्कुराया क्यूँ देख कर यूं वो मुस्कुराया क्यूँ मुस्कुराया था पास आया क्यूँ नाक इतनी सी आप इतना सा फिर भी मेरी नज़र को भाया क्यूँ इसको अर्पन किया हिया मैंने दिल-ए-नादां ये क्या किया मैंने सोचती हूँ
मुकेश रात दिन इश्क़ का जो रोना था लता लीजिये हो गया जो होना था लीजिये हो गया जो होना था मुकेश ये जो क़ाफ़िर धड़क रहा है यहाँ इस ने एक दिन मुझे डुबोना था दिल-ए-नादां ये क्या किया मैंने लता जो किया ठीक ही किया मैंने दिल का रौशन किया दीया मैंने मुकेश सोचता हूँ ये क्या क्या ये सरदर्द ले लिया मैंने क्या ये सरदर्द ले लिया मैंने सोचता हूँ
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