मुकेश सूरज से जो किरण का नाता सागर से जो लहरों का वही है तेरा-मेरा रिश्ता तू जाने या ना जाने लता फूल में जैसे बसी हो खुशबू तू है बसा मेरे मन में प्यार तेरा है जीवन मेरा तू माने या ना माने मुकेश सूरज से जो किरण का नाता
मुकेश पहली बार तुझे देखा तो हम ऐसे सुध-बुध भूले पहली बार तुझे देखा तो हम ऐसे सुध-बुध भूले लता हो जैसे सावन की पहली पुरवाई धरती को छू ले धरती से जो नीलगगन का सावन से जो पुरवाई का मुकेश सूरज से जो किरण का नाता सागर से जो लहरों का लता वहीहैतेरा-मेरारिश्तातूजानेयानाजाने मुकेश सूरज से जो किरण का नाता
लता दो दिन की देखा-देखी में युग-युग के मन-मीत मिले दो दिन की देखा-देखी में युग-युग के मन-मीत मिले मुकेश तुम बोले दो बोल से मुझको जनम-जनम के गीत मिले तार से जो झंकार का नाता गीतों से जो सरगम का लता सूरज से जो किरण का नाता सागर से जो लहरों का मुकेश वही है तेरा-मेरा रिश्ता तू जाने या ना जाने मुकेश और लता सूरज से जो किरण का नाता
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