लता तेरा मन मेरा मन मिले प्रीत यूँ खिले कि दूर अँधेरे हों मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो मुकेश तेरा मन मेरा मन मिले प्रीत यूँ खिले कि दूर अँधेरे हों मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो तुम मेरे हो लता अजी तुम मेरे हो
लता पायल की मेरी रुनझुन हो माथे की मेरी कुमकुम हो पायल की मेरी रुनझुन हो माथे की मेरी कुमकुम हो जिसको ढूँढते थे नैना बोलो अजी क्या वही तुम हो मन पे जादू किया रंग भर दिया रे चतुर चितेरे हो मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो मुकेश तेरा मन मेरा मन मिले प्रीत यूँ खिले कि दूर अँधेरे हों मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो तुम मेरे हो लता अजी तुम मेरे हो
मुकेश देखी झलक इन आँखों में मिलती नहीं वो लाखों में देखी झलक इन आँखों में मिलती नहीं वो लाखों में तेरे जितने रंग कहाँ तितली की चंचल पाँखो में पहले तो रूप सजा के जी अब यूँ लजा के क्यूँ मुखड़ा फेरे हो मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो लता तेरा मन मेरा मन मिले प्रीत यूँ खिले कि दूर अँधेरे हों मुझे तो ऐसा लगे कि बस तुम मेरे हो तुम मेरे हो मुकेश अजी तुम मेरे हो लता और मुकेश तुम मेरे हो अजी तुम मेरे हो
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