मुकेश तुम्हारे लिए हुए बदनाम न भूले फिर भी तुम्हारा नाम तुम जानो या न जानो तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारी मर्ज़ी
शमशाद जाओ जी जाओ आए बड़े मोहब्बत करने वाले मोहब्बत करने वाले हमें छोड़ कर बीच नदी में पार उतरने वाले पार उतरने वाले मुकेश चाहे लाखों दो इल्ज़ाम हम तो कब से बने गुलाम तुम मानो या न मानो तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारी मर्ज़ी
शमशाद तुम परदेसी परदेसी तुम परदेसी तुम हरजाई फिर क्या हमसे मेल जाओ जा कर और किसी से खेलो प्यार का खेल मुकेश हमें औरों से क्या काम तुम्हारे बिना नहीं आराम तुम मानो या न मानो तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारी मर्ज़ी
शमशाद तुम भी ज़रा जलने का मज़ा लो हमें जलाने वाले हमें जलाने वाले हम क्या जानें कौन हो तुम ओ हमें मनाने वाले हमें मनाने वाले मुकेश हम तो आएँगे सुबह-ओ-शाम हम तो करेंगे रोज सलाम पहचानो ना पहचानो तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारे लिए हुए बदनाम न भूले फिर भी तुम्हारा नाम तुम जानो या न जानो तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हारी मर्ज़ी
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