मुकेश आ तू आ ज़रा दिल में आ दिल में आके फिर नहीं जा तू है हसीं मैं हूँ जवाँ आजा दिलरुबा लता आ तू आ मुझे अपना बना दिल से दिल के तार मिला मैं हूँ ज़मीं तू है गगन मौसम अलबेला आ तू आ मुझे अपना बना
मुकेश नीली घटा छाने लगी दिल की लहर गाने लगी नीली घटा छाने लगी दिल की लहर गाने लगी मन का मोर मचाए शोर इश्क़ पे क्या किसी का ज़ोर ओ मेरी दुनिया आ तू आ ज़रा दिल में आ दिल में आके फिर नहीं जा तू है हसीं मैं हूँ जवाँ आजा दिलरुबा आ तू आ ज़रा दिल में आ
लता खिलते कमल लहराएं दिल में अगन सुलगाएं खिलते कमल लहराएं दिल में अगन सुलगाएं तुझसे जब से आँख लगी उस दिन से न आँख लगी और नहीं सुलगा आ तू आ मुझे अपना बना दिल से दिल के तार मिला मैं हूँ ज़मीं तू है गगन मौसम अलबेला आ तू आ मुझे अपना बना
मुकेश बादल पर्वत को चूमे दिल पागल बन कर झूमे बादल पर्वत को चूमे दिल पागल बन कर झूमे तीर हवा का तन पे लागे मन में मीठा दर्द जगे तू ही दवा बन जा आ तू आ ज़रा दिल में आ दिल में आके फिर नहीं जा तू है हसीं मैं हूँ जवाँ आजा दिलरुबा लता आ तू आ मुझे अपना बना दिल से दिल के तार मिला मैं हूँ ज़मीं तू है गगन मौसम अलबेला आ तू आ मुझे अपना बना आ आ आ
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