मुकेश आसमाँ पे चाँदनी का एक दरिया बह रहा था हाँ तो मैं क्या कह रहा था हाँ तो मैं क्या कह रहा था
लता कह रहे थे तुम हसीना इश्क़ में मुश्किल है जीनामुकेश हाँ मुझे अब याद आया जब से मैंने दिल लगाया राजेश आज आज कौन सा दिन है लता शुक्रवार हैवक़्त यूं ही जा रहा है मुकेश ठहरो कोई आ रहा है लता कोई मुसाफिर है अपने रास्ते जा रहा है मुकेश तौबा मै तो डर गया था हाँ तो मैं क्या कह रहा थाहाँ तो मैं क्या कह रहा था
लता कह रहे थे तुम कहानी जब से आई है जवानी मुकेश अब सुनो तुम बात आगे जब से ये अरमा है जागे राजेश आज कौन सी तारीख़ हैलता आज छब्बीस तारीख़ हैप्यार सपने बुन रहा हैमुकेश देखो कोई सुन रहा है लता माली है बाग़ से कलियाँ चुन रहा हैमुकेश मैं तो धोखा खा गया था हाँ तो मैं क्या कह रहा था
लता याद करते ये फ़साना तुम मुझे मत भूल जाना मुकेश क्या दीवाना हूँ मैं कोई जब से मेरी नींद खोई राजेश अरे हाँ ये कौन सा महीना है लता जनवरी रुत सुहानी झूमती है राजेश ये पुलिस क्यूँ घूमती है लता हं अं अरे बाबा तुम्हें नहीं किसी चोर को ढूँढती है दर्द-ए-फ़ुरक़त सह रहे थे हाँ तो तुम क्या कह रहे थे हाँ तो तुम क्या कह रहे थे हाँ तो हम्म हम्म हाँ तो तुम क्या कह रहे थे
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