लता बाग़ों में कैसे ये फूल खिलते हैं खिलते हैं मुकेश खिलते हैं भँवरों से जब फूल मिलते हैं हो मिलते हैं लता ओ ओ ओ बाग़ों में
लता मौसम बहारों के लगते हैं क्यों प्यारे मौसम बहारों के लगते हैं क्यों प्यारे मुकेश हँसते हैं रोते हैं कलियों के संग सारे कलियों के कलियों के खिलने से दिल भी खिलते हैं हो खिलते हैं लता बाग़ों में
मुकेश अच्छा अब तुम बोलो ऐसा कब होता है अच्छा अब तुम बोलो ऐसा कब होता है लता बड़े वो हो मत छेड़ो ऐसा तब होता है जब तेरे जब तेरे नैनो से मेरे नैन मिलते हैं हो मिलते हैं बाग़ों में कैसे ये फूल खिलते हैं हो खिलते हैं मुकेश खिलतेहैंभँवरोंसेजबफूलमिलतेहैंहो मिलते हैं लता हो हो हो बाग़ों में
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