लता आ हा आ मुकेशदूर बहुत आबादी से इश्क़ की रंगीं वादी से ये कौन सदा देता है लता प्यार भरा इक दिल होगा या कोई बिस्मिल होगा जो अपना पता देता है मुकेशदूर बहुत आबादी से इश्क़ की रंगीं वादी से ये कौन सदा देता है लता प्यार भरा इक दिल होगा या कोई बिस्मिल होगा जो अपना पता देता है
लता आ हा आ मुकेश लहराती सी ये राहें न जाने किसको चाहें लहराती सी ये राहें न जाने किसको चाहें लता किसके दीदार की प्यासी हैं इनकी खुली निगाहें किसके दीदार की प्यासी हैं इनकी खुली निगाहें आस लगाये बैठे रहना भी तो मज़ा देता है मुकेशदूर बहुत आबादी से इश्क़ की रंगीं वादी से ये कौन सदा देता है लता प्यार भरा इक दिल होगा या कोई बिस्मिल होगा जो अपना पता देता है
लता आ हा आ मुकेशये परबत ऊँचे-ऊँचे ख़ामोशी के अफ़साने ये परबत ऊँचे-ऊँचे ख़ामोशी के अफ़साने लता क्यूँ दूर खड़े बस्ती से होंगे ये भी दीवाने क्यूँ दूर खड़े बस्ती से होंगे ये भी दीवाने जाने किस-किस को दीवाना प्यार बना देता है मुकेशदूर बहुत आबादी से इश्क़ की रंगीं वादी से ये कौन सदा देता है लता प्यार भरा इक दिल होगा, या कोई बिस्मिल होगाजो अपना पता देता है
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