मुकेश झुका-झुका के निगाहें मिलाए जाते हैं बचा-बचा के निशाने लगाए जाते हैं आशा हुज़ूर जब से मेरे दिल पे छाए जाते हैं ये हाल है के क़दम डगमगाए जाते हैं ये हाल है के
मुकेश हमें तो आपकी इस अदा ने लूट लिया हमें तो आपकी इस अदा ने लूट लिया नज़र उठाते नहीं मुस्कुराए जाते हैं नज़र उठाते नहीं
आशा जिन्हें हो इश्क़ ज़ुबाँ से वो कुछ नहीं कहते ये आप हैं के मोहब्बत जताए जाते हैं ये आप हैं के
मुकेश हमीं से सीखी अदाएँ हमीं पे वार किया हमीं से सीखी अदाएँ हमीं पे वार कियाहमारे तीर हमीं पर चलाए जाते हैं हमारे तीर
आशा हुज़ूर को मैं दीवाना कहूँ तो फिर क्या हो हुज़ूर को मैं दीवाना कहूँ तो फिर क्या हो के बिन बुलाए मेरे घर में आए जाते हैं के बिन बुलाए मेरे घर में आए जाते हैं हुज़ूर जब से
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload