साथी छल-छल बहती जीवन धारा छल-छल बहती जीवन धारा
मुकेशमाझी नैया ढूँढे किनारा ओ माझी नैया ढूँढे किनाराकिसी न किसी की खोज में है ये जग सारा माझी नैया ढूँढे किनाराकभी न कभी तो समझोगे तुम ये इशारा माझी नैया ढूँढे किनारा
ऐसी कोई मौज नहीं जिसको कोई खोज नहीं ऐसी कोई मौज नहीं जिसको कोई खोज नहींहो होकोई न कोई तो हर किसी को लगता है प्यारामाझी नैया ढूँढे किनारामाझी नैया ढूँढे किनारा
जीवन पथ पर चलते हुए इक दिन थक कर चलते हुए जीवन पथ पर चलते हुए इक दिन थक कर चलते हुएहो हो कहीं न कहीं मैं थाम लूँगा आँचल तुम्हारामाझी नैया ढूँढे किनारामाझी नैया ढूँढे किनारा
जैसे सीता-राम मिले जैसे राधा-श्याम मिले जैसे सीता-राम मिले जैसे राधा-श्याम मिलेहो हो कभी न कभी तो मिलन होगा तुमसे हमारामाझी नैया ढूँढे किनारा माझी नैया ढूँढे किनारामाझी नैया
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