दर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार दर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार फूलों को देखा तूने जब जब आई बहार एक बदनसीब हूँ मैं एक बदनसीब हूँ मैं एक बदनसीब हूँ मैं मुझे नहीं देखा एक बार दर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार
सूरज की पहली किरनों को देखा तूने अलसाते हुए सूरज की पहली किरनों को देखा तूने अलसाते हुएरातों में तारों को देखा सपनों में खो जाते हुए यूँ किसी न किसी बहाने यूँ किसी न किसी बहाने तूने देखा सब संसार तूने देखा सब संसारदर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार
काजल की क़िस्मत क्या कहिये नैनों में तूने बसाया हैकाजल की क़िस्मत क्या कहिये नैनों में तूने बसाया हैआँचल की क़िस्मत क्या कहिये तूने अंग लगाया है हसरत ही रही मेरे दिल में हसरत ही रही मेरे दिल में बनूँ तेरे गले का हार बनूँ तेरे गले का हार दर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार फूलों को देखा तूने जब जब आई बहारएक बदनसीब हूँ मैं एक बदनसीब हूँ मैं एक बदनसीब हूँ मैं मुझे नहीं देखा एक बारदर्पण को देखा तूने जब जब किया सिंगार
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