गोकुल की एक नार छबीली जमुना तट पर आई रे जमुना तट पर आई गोकुल की एक नार छबीलीजमुना तट पर आई रेजमुना तट पर आई
गोरा बदन और पतली कमरिया गोरा बदन और पतली कमरियाचाल चलत इठलाई रे गोरा बदन और पतली कमरियाचाल चलत इठलाई रे पग पायल ने रुनु-झुनु रुनु-झुनु पग पायल ने पग पायल ने रुनु-झुनु रुनु-झुनुमीठे सुर में गाई रे गोकुल की एक नार छबीलीजमुना तट पर आई रेपुरवैया ने छेड़ के साड़ी सर से कुछ सरकाई रे पुरवैया ने छेड़ के साड़ीसर से कुछ सरकाई रेचोटी खुल के लहराई है चोटी खुल के लहराई हैज्यूँ नागन बलखाई रे गोकुल की एक नार छबीलीजमुना तट पर आई रे
इत उत ढूँढ़े अपने पी कोइत उत ढूँढ़े अपने पी कोसुध बुध कुछ बिसराई रे मानो राधे प्रेम की मूरत मानो ऐ जी मानो राधे प्रेम की मूरतढूँढ़े कृष्ण कन्हाई रे गोकुल की एक नार छबीलीजमुना तट पर आई रेजमुना तट पर आई गोकुल की एक नार छबीलीजमुना तट पर आई रे
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