हर दिल में नफ़रत भरी है कोई दिल साफ़ नहीं है मालिक तेरी सारी दुनिया में कहीं इंसाफ़ नहीं है
तू मिले तो पूछूँ तुझसे क्या ये है न्याय तेरा दुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरा तू मिले तो पूछूँ तुझसे हो .. हो
नेकी करने वालों को तो मिलती यहाँ बुराई है नेकी करने वालों को तो मिलती यहाँ बुराई हैख़ुदगर्ज़ी के तूफ़ानों में डूब गई सच्चाई है किसी की नगरी बस गई देखो किसी का लुट गया डेरा तू मिले तो पूछूँ तुझसे हो .. हो
कितनी उमंगें लाए थे हम दिल में समेट कर ले जा रहे हैं हसरतें क़फ़न में लपेट कर अब किस पे करें भरोसा जब तूने ही मुँह फेरा दुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरा मुझको दिया अँधेरामुझको दिया अँधेरा
तेरी झूठी दुनिया की हम सब दीवारें तोड़ चले तुझे मुबारक तेरी दुनिया हम तो दुनिया छोड़ चले मर कर भी न भूल सकेंगे हम एहसान ये तेरा तू मिले तो पूछूँ तुझसे क्या ये है न्याय तेरादुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरातू मिले तो पूछूँ तुझसे क्या ये है न्याय तेरादुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरामुझको दिया अँधेरामुझको दिया अँधेरा
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