हम्म हम्म हम्म हम्म हम्महम्म हम्मबहारों ने किए सज़दे गुलों ने सर झुकाया हैबहारों ने किए सज़दे गुलों ने सर झुकाया हैबड़ी फ़ुरसत से मालिक ने हसीं तुमको बनाया है बहारों ने किए सजदे
तेरे गालों की सुर्ख़ी को चुराने को ग़ुलाब आए तेरा नाज़ुक बदन जिसकी बला लेने शबाब आए वो गोरे हाथ जिसमें संग-ए-मरमर की सफ़ेदी है घटा सावन की ज़ुल्फ़ों में तेरी आराम करती है हसीना ओ हसीना हसीना ओ हसीना बहारों ने किए सजदे गुलों ने सर झुकाया हैबड़ी फ़ुरसत से मालिक ने हसीं तुमको बनाया हैबहारों ने किए सज़दे
तेरा चेहरा ज़मीं का चाँद बनकर जगमगाया है मगर क्यूँ चाँदनी को अपने घूँघट में छुपाया है वो आँखें ऐसी हैं जैसे ग़ज़ल के पहले दो मिसरे तेरी मासूमियत पर बैठे हैं अंदाज़ के पहरे हसीना ओ हसीना हसीना ओ हसीना बहारों ने किए सज़दे गुलों ने सर झुकाया हैबड़ी फ़ुरसत से मालिक ने हसीं तुमको बनाया हैबहारों ने किए सज़दे
फरिश्तों की भी तौबा तोड़ दे ये तेरी अंगड़ाई तेरी क़ातिल जवानी बन गयी फूलों की रुसवाई वो तेरी चाल जिस का खुद क़यामत भी पता पूछे तेरी काफ़िर अदाएं भाये जिस को अब खुदा पूछे हसीना ओ हसीना हसीना ओ हसीना बहारों ने किए सज़दे गुलों ने सर झुकाया हैबहारों ने किए सज़दे गुलों ने सर झुकाया हैबड़ी फ़ुरसत से मालिक ने हसीं तुमको बनाया हैबहारों ने किए सज़दे
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