जिन्हें हम भूलना चाहें, वो अक्सर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैंबुरा हो इस मोहब्बत का बुरा हो इस मोहब्बत का, वो क्यूँ कर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैं
भुलाएँ किस तरह उनको, कभी पी थी उन आँखों से भुलाएँ किस तरह उनको, कभी पी थी उन आँखों से कभी पी थी उन आँखों से छलक जाते हैं जब आँसू छलक जाते हैं जब आँसू, वो साग़र याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैं
किसी के सुर्ख़ लब थे या, दिये की लौ मचलती थी किसी के सुर्ख़ लब थे या , दिये की लौ मचलती थी दि ये की लौ मचलती थी जहां की थी कभी पूजा जहां की थी कभी पूजा, वो मंदर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैं
रहे ऐ शम्मा तू रोशन, दुआ देता है परवाना रहे ऐ शम्मा तू रोशन , दुआ देता है परवाना जिन्हें क़िस्मत में जलना है जिन्हें क़िस्मत में जलना है, वो जल कर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैंबुरा हो इस मोहब्बत का बुरा हो इस मोहब्बत का , वो क्यूँ कर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें , वो अक्सर याद आते हैंजिन्हें हम भूलना चाहें
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