महेंद्र भूल जा भूल जाभूल जाभूल जा
मुकेश जो चला गया उसे भूल जा जो चला गया उसे भूल जावो न सुन सकेगा तेरी सदा जो चला गया उसे भूल जाउसे भूल जाउसे भूल जा
मुकेश ये हयात तो मौत की है डगर, कोइ खाक़ में कोई खाक़ पर ये हयात तो मौत की है डगर , कोइ खाक़ में कोई खाक़ पर यही जान ले वो कोई न था, वो गुबार था तेरा हमसफ़रउसे दूर ले के गई हवा जो चला गया उसे भूल जाउसे भूल जाउसे भूल जा
महेंद्र भूल जाभूल जा भूल जाभूल जा
मुकेश कोई इल्तजा कोई बन्दगी, न क़ज़ा से हाथ छुड़ा सकीकोई इल्तजा कोई बन्दगी , न क़ज़ा से हाथ छुड़ा सकीकिये आदमी ने बड़े जतन, मगर उस के काम न आ सकीन कोई दुआ, न कोई दवाजो चला गया उसे भूल जावो न सुन सकेगा तेरी सदाजो चला गया उसे भूल जा
मुकेश है मुझे भी ग़म किसी यार का, के लुटा नगर मेरे प्यार काहै मुझे भी ग़म किसी यार का, के लुटा नगर मेरे प्यार काहुआ दर-बदर मैं तो इस क़दर, न ख़िज़ाँ का हूँ न बहार कामुझे देख ले मुझे क्या मिला जो चला गया उसे भूल जावो न सुन सकेगा तेरी सदाजो चला गया उसे भूल जाउसे भूल जाउसे भूल जा
महेंद्र भूल जाभूल जाभूल जाभूल जा
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