कहाँ तक जफ़ा हुस्न वालों की सहते कहाँ तक जफ़ा हुस्न वालों की सहतेजवानी जो रहती तो फिर हम न रहते जवानी जो रहती तो फिर हम न रहते
नशेमन न जलता निशानी तो रहती नशेमन न जलता निशानी तो रहतीहमारा था क्या ठीक रहते न रहते हमारा था क्या ठीक रहते न रहते
कोई नक़्श और कोई दीवार समझा कोई नक़्श और कोई दीवार समझाज़माना हुआ हमको चुप रहते रहते ज़माना हुआ हमको चुप रहते रहते
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था आ.. आ.. आ.. आहमीं सो गये दासताँ कहते कहते हमीं सो गये दासताँ कहते कहतेहमीं सो गये
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