कैसे मनाऊँ पियवा गुन मेरे एकहू नाहीं कैसे मनाऊँ पियवा गुन मेरे एकहू नाहींआई मिलन की बेला घबराऊँ मन माहीं कैसे मनाऊँ पियवा गुन मेरे एकहू नाहींकैसे मनाऊँ पियवा
साजन मेरे आए धड़कन बढ़ती जाए साजन मेरे आए धड़कन बढ़ती जाएनैना झुकते जाएँ घूँघट ढलता जाए तुझसे ही शरमाए आज तेरी परछाईं कैसे मनाऊँ पियवा गुन मेरे एकहू नाहींकैसे मनाऊँ पियवा
मैं अनजान पराई द्वार तिहारे आई तूने मुझे अपनाया प्रीत की रीत निभाई हाय रे मन की कलियाँ फिर भी खिल ना पाईं कैसे मनाऊँ पियवा गुन मेरे एकहू नाहींकैसे मनाऊँ पियवा
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