किधर मैं जाऊँ समझ न पाऊँ बुला रही हैं दो राहें इधर है ममता और उधर हैं भीगी हुई निग़ाहें
कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे नाबनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे नाबनते-बनते महल किसी का टूटे नाकभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
भँवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारे किसे ख़बर थी फिर पहुँचेगी आँसुओं के द्वारे भँवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारेकिसे ख़बर थी फिर पहुँचेगी आँसुओं के द्वारे
हायइस तरह भाग किसी से रूठे ना हायइस तरह भाग किसी से रूठे नाबनते-बनते महल किसी का टूटे नाकभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डाली घिरी अचानक काली बदली बिजली गिराने वाली अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डालीघिरी अचानक काली बदली बिजली गिराने वालीहोते-होते साथ किसी का छूटे ना होते-होते साथ किसी का छूटे नाबनते-बनते महल किसी का टूटे नाकभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे नाबनते-बनते महल किसी का टूटे नाकभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना
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