कोई दिन ज़िन्दगी के गुनगुना कर ही बिताता है कोई दिन ज़िन्दगी के गुनगुना कर ही बिताता हैकोई पा कर के खोता है कोई खो कर के पाता है
हमारी ज़िन्दगी भी क्या कभी हँसना कभी रोना हमारी ज़िन्दगी भी क्या कभी हँसना कभी रोनाजिसे हम अपना कहते हैं वो हमसे दूर जाता है
उम्मीदें लुट गईं जिसकी तसव्वुर छिन गया जिसका उम्मीदें लुट गईं जिसकी तसव्वुर छिन गया जिसकावो कश्ती आप ही गहरे समुन्दर में डुबाता हैअगर दिल हो गया वीराँ करूँगा मौत से उल्फ़त किसी बद्हाल पर अब कौन दो आँसू बहाता है
किसी के चैन से आराम से क्या वास्ता अपना न कोई साथ देता है न कोई पास आता है कोई दिन ज़िन्दगी के गुनगुना कर ही बिताता है
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