मेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जान
बेताब हवाएँ ऐसे में खुशबू न उड़ा लें बालों कीखिलती हुई कलियाँ चुपके से रंगत न चुरा लें गालों की ये रंग कहीं बँट जाए न ये हुस्न बिखर ना जाए मेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जान
उन फूल सी नाज़ुक बाँहों से हर शाख लचकना सीख न लेयूँ जान के गहरी साँस न लो हर मौज छलकना सीख न ले लहरा के तुम्हारे आँचल तक हर शोख़ नज़र ना जाए मेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जान
तुम यूँ ही क़यामत लगती हो अब और अदाएँ जाने दो माथे पे ये बल क्यों डाले हैं इस दर्ज़ा सज़ाएँ जाने दोइतना भी किसी से रूठो ना कोई जी से गुज़र ना जाएमेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जानमेरी जान न ज़ुल्फ़ें खोलो कहीं रात ठहर ना जाए मेरी जान
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload