राह के तालिब हैं पर बेराह पड़ते हैं क़दम देखिए क्या ढूँढते हैं और क्या पाते हैं हम
अपनी भी क्या ज़िन्दगी है निराली जहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खाली अपनी भी क्या ज़िन्दगी है निरालीजहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खालीअपनी भी क्या ज़िन्दगी है निरालीजहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खाली
रंगीन वो ज़माना था, सपना वो क्या सुहाना था तब सुबह-ओ-शाम ख़ुशियों के जाम, हर साँस एक तराना था रंगीन वो ज़माना था, सपना वो क्या सुहाना थातब सुबह-ओ-शाम ख़ुशियों के जाम, हर साँस एक तराना थाअब तो बस हर घड़ी दुख भरी बेबसी आस की हर किरण अश्क़ बन बह गईअपनी भी क्या ज़िन्दगी है निराली जहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खालीअपनी भी क्या ज़िन्दगी है निरालीजहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खाली
क्या नींद किसको सोना है, अब सारी रात रोना है दुखड़े बिछा के सब कुछ भुला के, बस एक बार सोना हैक्या नींद किसको सोना है, अब सारी रात रोना हैदुखड़े बिछा के सब कुछ भुला के, बस एक बार सोना हैज़िन्दगी-ज़िन्दगी ओ मेरी लाड़लीआ गले मिल है शायद ये रात आख़रीअपनी भी क्या ज़िन्दगी है निरालीजहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खालीअपनी भी क्या ज़िन्दगी है निरालीजहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खाली
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