राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला यारों कहते हैं लोग मुझे छैला अरे छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला रूप की शहजादी है यारों मेरी लैला रूप की शहजादी है यारों मेरी लैला यारों कहते हैं लोग मुझे छैला अरे छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला
मैं हसीन जोकर कुछ निकला अपने काम से चूड़ी बिकती देखी तो रह गया दिल को थाम के अरे दिल वालों का मेला और पैसे की बहार थी लेकिन मेरी पॉकेट मैं क्या करता उजाड़ थी पल्ले नहीं थी एक पाई न पास था पैसा राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला यारों कहते हैं लोग मुझे छैला अरे छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला
सैर-सपाटे करता मैं जा पहुँचा फिर खेत में चाँद सी उजली लड़की बैठी थी ठण्डी रेत में अरेदेख के मेरी सूरत पहले तो ग़ुस्सा ले आई चाल जो मेरी देखी कुछ शरमाई कुछ मुस्काई कहने लगी वो मैं तेरी मेरे साजना छैला राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला राही हूँ अलबेला मैं दिल का नहीं मैला यारों कहते हैं लोग मुझे छैला अरे छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला
प्यार की धुन पे मैंने जब छेड़ी अपनी रागिनी सुन के मेरा गाना फिर छम से आई कामिनी अरे हँस के हमको देखा इक जलवा फेंका दूर से दिल की बात को मैंने फिर कह डाला उस हूर से मिल ही गई मस्तानी मेरी दिलरुबा छैला रूप की शहजादी है यारों मेरी लैला रूप की शहजादी है यारों मेरी लैला यारों कहते हैं लोग मुझे छैला अरे छैला बाबू कहते हैं लोग मुझे छैला
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