साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेलाकिसी से हम कुछ भी नहीं कहते हमें तो है शिकवा मौसम से साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला
सुनता नहीं ज़माना राही का अफ़साना रस्ता नया मंज़िल नई तनहा है दीवानाकिसी को क्या लेना फिर हमसे हमें तो है शिकवा मौसम सेसाथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला
सीने में सुलगाएं शोला सा ये हवाएं फिर भी अगर दिल से मेरे दामन को वो बचाएं तो कोई क्यों बिजली बन चमके हमें तो है शिकवा मौसम सेसाथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला
दिल देखिए हमारा मांगा नहीं सहारा इनको नहीं उनको नहीं तुमको नहीं पुकारा तो कोई क्यों उलझे थम थम के हमें तो है शिकवा मौसम सेसाथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला
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