सब ठाठ पड़ा रह जावेगा सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा धन तेरे काम न आयेगा जब लाद चलेगा बंजारा
जो पाया है वो बांट के खा कंगाल न कर कंगाल न हो जो सबका हाल किया तूने एक रोज़ वो तेरा हाल न हो इस हाथ से दे उस हाथ से ले हो जावे सुखी ये जग सारा हो जावे सुखी ये जग सारासब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा
क्या कोठा-कोठी क्या बंगला ये दुनिया रैन-बसेरा है क्यूँ झगड़ा तेरे-मेरे का कुछ तेरा है न मेरा है सुन कुछ भी साथ न जावेगा जब कूच का बाजा नक्कारा जब कूच का बाजा नक्कारासब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजाराधन तेरे काम न आयेगा जब लाद चलेगा बंजारा
इक बन्दा मालिक बन बैठा हर बन्दे की क़िस्मत फूटी था इतना मोह ख़ज़ाने का दो हाथों से दुनिया लूटी थे दोनों हाथ मगर खाली उठा जो सिकन्दर बेचारा उठा जो सिकन्दर बेचारासब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजाराधन तेरे काम न आयेगा जब लाद चलेगा बंजारा
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