त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेवत्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव, त्वमेव सर्वम मम् देव-देव जिनके हृदय श्रीराम बसे, उन और को नाम लियो न लियोजिनके हृदय श्रीराम
कोई माँगे कञ्चन सी काया, कोई माँग रहा प्रभु से मायाकोई पुण्य करे कोई दान करे, कोई दान का रोज़ बखान करेजिन कन्या-धन को दान दियो, उन और को दान दियो न दियो जिनके हृदय श्रीराम
कोई घर में बैठा नमन करे, कोई हरि मंदिर में भजन करे कोई गंगा जमना स्नान करे, कोई काशी जाकर ध्यान धरेजिन माता-पिता की सेवा की, उन तीरथ स्नान कियो न कियोजिनके हृदय श्रीराम बसे, उन और को नाम लियो न लियोजिनके हृदय श्रीराम
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