रफ़ीदिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई हैदिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है फिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई हैदिल ने फिर याद किया
रफ़ीवो भी क्या दिन थे हमें दिल में बिठाया था कभीवो भी क्या दिन थे हमें दिल में बिठाया था कभी और हँस हँस के गले तुम ने लगाया था कभीखेल ही खेल में क्यों जान पे बन आई हैफिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है दिल ने फिर याद किया सुमनक्या बतायें तुम्हें हम शम्मा की किस्मत क्या है क्या बतायें तुम्हें हम शम्मा की किस्मत क्या है गम में जलने के सिवा और मुहब्बत क्या हैये वो गुलशन है कि जिस में न बहार आई हैफिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है दिल ने फिर याद कियामुकेशहम वो परवाने हैं जो शम्मा का दम भरते हैंहम वो परवाने हैं जो शम्मा का दम भरते हैं हुस्न की आग में खामोश जला करते हैंआह भी निकले तो ये प्यार की रुसवाई हैफिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है दिल ने फिर याद किया
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