मुकेशदुनिया में सभी चेहरे लगते तो हैं पहचानेशारदा क्यों फिर भी हैं अनजाने ये बात वही जानेमुकेश और शारदा दुनिया इसी का नाम है दुनियाइसीकोकहते हैंदुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं अपने ही अपनों से यहाँ बेगाने जैसे रहते हैं बेगाने जैसे रहते हैंबेगाने जैसे रहते हैं दुनिया इसी का नाममुकेश जो हम चाहें जो तुम चाहो वो कब होता है दुनिया मेंशारदामुक़द्दर के इशारों पे ये सब होता है दुनिया मेंमुकेश और शारदा ये सब होता है दुनिया मेंदुनिया इसी का नाम है दुनियाइसीकोकहते हैंदुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी का नाम मुकेश कभी इस मोड़ पर लूटा गया है कारवाँ दिल काजहाँ से दो क़दम ही फ़ासला बाक़ी था मंज़िल काशारदा यहाँ कहती है ख़ामोशी हज़ारों ग़म के अफ़सानेमगर इस बात का मतलब कोई बेदर्द क्या जानेकोई बेदर्द क्या जानेमुकेश और शारदा दुनिया इसी का नाम है दुनियाइसीकोकहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी का नाम मुकेशयहाँ हर गम खुशी का एक नया पैगाम लता हैशारदा अंधेरी रात जाती है सवेरा मुस्कुराता हैमुकेश और शारदा सवेरा मुस्कुराता है दुनिया इसी का नाम है दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी को कहते हैं दुनिया इसी का नाम हैं
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