इक तू के सर उठा के चला इक तू के सर उठा के चलादाग दिखाने आए इक वो के चार चाँद लगाए हैं हया ने इक तू के सर उठा के चला
क्या देख लिया तूने मेरे चाँद को ऐ चाँद चाँद को ऐ चाँदक्या देख लिया तूने मेरेचाँद को ऐ चाँदआँचल में जो बदली के चला मुँह को छुपाने इक तू के सर उठा के चलातुझ को तो कुछ खबर ही नहीं तुझ को तो कुछ खबर ही नहींतुझ को तो कुछ खबर ही नहींऐ ज़मीन केआ आतारों की तारों कीई ईतारों की ज़ुबान पर भी हमारे हैं फसाने आए इक तू के सर उठा के चला
तू भी उसी को ढूँढ रहा है लिए चिराग तू भी उसी को ढूँढ रहाहै लिए चिराग आती हैआती हैऐ आती है जिसकी यादमेरे दिल को दुखाने आए इक वो के चार चाँद लगाए हैं हया ने इक तू के सर उठा के चला दाग दिखाने ऐ
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