हम कल क्या थे हम आज है क्याइसका ही नहीं अभिमान हमेंहम कल क्या थे हम आज है क्याइसका ही नही अभिमान हमेंजिस राह पे आगे बढ़ना हैहै उसकी भी पहचान हमेंहै उसकी भी पहचान हमें
इस धारा को किसने रोकाये बंध के भला कब रहती हैहम उस देश के वासी हैहम उस देश के वासी हैजिस देश में गंगा बहती हैजिस देश में गंगा बहती है
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