मुकेश इस पतंगे की हक़ीकत कोई पूछे मुझसे सामने शमा हो और ताकते-परवाज़ न हो राजकुमारी रोवोगे रोवोगे पछताओगे पछताओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे
तुम भेज के अपनी आहों को तुम भेज के अपनी आहों को बुलवा सकते हो घटाओं को बुलवा सकते हो घटाओं को पर दिल वो कहाँ से लाओगे लाओगे लाओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे रोवोगे रोवोगे पछताओगे पछताओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे
होंठो को सी सकते हो तुम होंठो को सी सकते हो तुम अश्कों को पी सकते हो तुम अश्कों को पी सकते हो तुम इस दर्द को कहाँ छुपाओगे छुपाओगे छुपाओगे मुकेश और राजकुमारी तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे रोवोगे रोवोगे पछताओगे पछताओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे तुम मुझ बिन कल नहीं पाओगे
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