जो सिर्फ़ खुशी का मोल करे जो सिर्फ़ खुशी का मोल करे वो दोस्त नहीं सौदागर है जो अपने ही जीने को मरे जो अपने ही जीने को मरे वो दोस्त नहीं सौदागर है जो सिर्फ़ खुशी का मोल करे
सुख आता है तो अपने संग अपने साथी ले आता है सुख आता है तो अपने संग अपने साथी ले आता है है कौन कहाँ तक का हमदम दुख ही तो हमें बतलाता है हो सुख में संग और दुख से डरे हो सुख में संग और दुख से डरे वो दोस्त नहीं सौदागर है जो सिर्फ़ खुशी का मोल करे
हम ऐसा साथी ढूंढते हैं जो हमको गम का मीत कहे हम ऐसा साथी ढूंढते हैं जो हमको गम का मीत कहे गम हो उसको ओर दर्द हमें नीर उसका इन आँखों से बहे जो हाथ फकत काँधे पे धरे जो हाथ फकत काँधे पे धरे वो दोस्त नहीं सौदागर है जो सिर्फ़ खुशी का मोल करे
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