मुकेश मदिरा ही मदिरा तेरे बदन में मदिरा ही मदिरा तेरे बदन में जो देखे वो झूमे झूमे रे जो देखे वो झूमे आशा किरणें ही किरणें तेरे नयन में किरणें ही किरणें तेरे नयन में मेरा तन मन चूमे चूमे रे मेरा तन मन चूमे
आशा गाँव की हर एक गोरी ओ देखा करे तुझे चोरी चोरी मुकेश दे दी है तेरे हाथो मे मैने तो अपने जीवन की डोरी आशा हो ओ जाऊँगी वहाँ ले जाए तू जहाँ हाय जाऊँगी वहाँ ले जाए तू जहाँ मुकेश हे कजरा ही कजरा इन पलकन में कजरा ही कजरा इन पलकन में जो देखे वो झूमे झूमे रे जो देखे वो झूमे
आशा आया तू बनके सावन अरे प्यासा था मेरे मन का आँगन मुकेश देखे जो तेरा यौवन तरसे लिपट जाने को दर्पण आशा हम जो मिल जाए कांटे भी खिल जाए हम जो मिल जाए कांटे भी खिल जाए मुकेश हे कलियाँ ही कलियाँ तेरे चमन में कलियाँ ही कलियाँ तेरे चमन में
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