मैं हूँ अपनी लगन का मारा जिधर चल पड़ा चल पड़ा हो मैं हूँ अपनी लगन का मारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा जिधर चल पड़ा चल पड़ामैं हूँ अपनी लगन का माराजिधर चल पड़ा चल पड़ाहो मैं हूँ अपनी लगन का मारा
मैं हूँ अपनी ही धुन मे मगन मैं हूँ प्यार के मन का गगन मैं हूँ अपनी ही धुन मे मगन मैं हूँ प्यार के मन का गगन कोई कली तो मैं हूँ चमन कोई गीत तो मैं हूँ एक तारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा जिधर चल पड़ा चल पड़ा हो मैं हूँ अपनी लगन का मारा
मैं क्या जानूँ के क्या है जहाँ मेरी नज़रों में छलके अरमाँ मैं क्या जानूँ के क्या है जहाँ मेरी नज़रों मे छलके अरमाँ मेरे दिल मे खुशी के तूफां कोई लहर तो मैं हूँ किनारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा जिधर चल पड़ा चल पड़ा हो मैं हूँ अपनी लगन का मारा
लिए नज़रों में मन की लगी ज़रा बहका हूँ मैं जो कभी लिए नज़रो में मन की लगी ज़रा बहका हूँ मैं जो कभी लगी कहने बहारें सभी ज़रा देख इधर दोबारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा मैं हूँ अपनी लगन का मारा जिधर चल पड़ा चल पड़ा हो मैं हूँ अपनी लगन का मारा
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