मुकेश मेरे ख़्वाबों में ख़यालों में छुपे एक दिन मीत मेरे मेरी गली आप चले आएँगे कभी तो होगी बहारों की नज़र आएगी ऐसी लहर आरज़ू के फूल मुस्कुराएँगे मेरे ख़्वाबों में ख़यालों में लता आ हा हा आ आ हा हा आ आ मुकेश मैं उनकी रंग भरी याद लिए खो सा गया उनका हर ज़िक्र मेरा एक नया गीत बना मेरे गीतों के मचलते हुए स्वर उनके आँगन मे उतर उनको मेरे पास खींच लाएंगे मेरे ख़्वाबों में ख़यालों में लता आ हा हा आ आ हा हा आ आ मुकेश किरन के बुन रही है जाल ये मदहोश नज़र वो मेरे पास है दुनिया की नहीं मुझको खबर दूर दुनिया से ज़माने से परे चाँद तारों के तले हम भी एक आशियाँ बनाएंगे मेरे ख़्वाबों में ख़यालों में लता आ हा हा आ आ हा हा आ आ मुकेश यकीं है मुझको मेरा प्यार ना रूठेगा कभी साज़-ए-दिल का कोई भी तार ना टूटेगा कभी दिल के इस तार की झंकार के संग बढ़ते-बढ़ते ये कदम मंज़िलो पे खुद ही पहुँच जाएंगे मेरे ख़्वाबों मे ख्यालों मे छुपे एक दिन मीत मेरे मेरी गली आप चले आएँगे मेरे ख़्वाबों में ख़यालों में लताआ हा हा आ आ हा हा आ आ
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